Ayushman Bharat Yojana -2020, आयुष्मान भारत योजना, प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY)

Ayushman Bharat Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana-PMJAY , आयुष्मान भारत योजना, जिसे प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसी योजना है जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर भारतीयों को स्वास्थ्य देखभाल की सुविधाओं की आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा केंद्र प्रायोजित आयुष्मांन भारत-राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन (Ayushman Bharat : National Health Protection Mission – AB-NHPM) को लॉन्च करने की स्वी्कृति दी गई है। इसमें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुष्मान मिशन के अंतर्गत केंद्रीय क्षेत्र के घटक शामिल हैं।

इस योजना में प्रतिवर्ष प्रति परिवार को पाँच लाख रुपए का लाभ कवर किया गया है। प्रस्तािवित योजना के लक्षित लाभार्थी दस करोड़ से अधिक परिवार होंगे। ये परिवार एसपीसीसी डाटा बेस पर आधारित गरीब और कमज़ोर आबादी के होंगे।

एबी-एनएचपीएम में चालू केंद्र प्रायोजित योजनाएँ-राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (Rashtriya Swasthya Bima Yojana -RSBY) तथा वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा योजना (Senior Citizen Health Insurance Scheme -SCHIS) समाहित होंगी।

आयुष्मान भारत योजना की प्रमुख विशेषताएं-

स्वास्थ्य विभाग की इस योजना के कई लाभ हैं जो कि आपको जानना चाहिए तो आइए आपको इस योजना की विशेषताएं बताते हैं-

हर साल मिलेगा 5 लाख रुपए का कवर – AB-NHPM में प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये का लाभ प्रदान होगा। इस कवर में सभी द्वितीयक और तृतीयक स्वास्थ्य सुविधाओं की प्रक्रियाएं शामिल हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई व्यक्ति (महिलाएं, बच्चेे एवं वृद्धजन) छूट न जाए, इसलिए योजना में परिवार के आकार और आयु पर किसी तरह की सीमा नहीं होगी। लाभ कवर में अस्पताल में दाखिल होने से पहले और दाखिल होने के बाद के खर्च शामिल किए जाएंगे। बीमा पॉलिसी के पहले दिन से सभी शर्तों को कवर किया जाएगा। लाभार्थी को हर बार अस्पताल में दाखिल होने पर परिवहन भत्तेो का भी भुगतान किया जाएगा।

देश के किसी भी सरकारी/निजी अस्पताल से उठा सकते हैं लाभ- इस योजना का लाभ पूरे देश में मिलेगा और योजना के अंतर्गत कवर किये गये लाभार्थी को पैनल में शामिल देश के किसी भी सरकारी/निजी अस्पताल से कैशलेस लाभ लेने की अनुमति होगी।

16 से 59 वर्ष की आयु के बीच के हर व्यक्ति को मिलेगा लाभ- AB-NHPM पात्रता आधारित योजना होगी और पात्रता SECC डाटा बेस में वंचन मानक के आधार पर तय की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न श्रेणियों में ऐसे परिवार शामिल हैं जिनके पास कच्चीे दीवार और कच्ची छत के साथ एक कमरा हो, ऐसे परिवार जिनमें 16 से 59 वर्ष की आयु के बीच का कोई व्यस्क सदस्य नहीं है, ऐसे परिवार जिसकी मुखिया महिला है और जिसमें 16 से 59 आयु के बीच का कोई व्यस्क सदस्य नहीं है, ऐसा परिवार जिसमें दिव्यांग सदस्य है और कोई शारीरिक रूप से सक्षम व्यस्क सदस्य नहीं है, अ.जा./ज.जा. परिवार, मानवीय आकस्मिक मजूदरी से आय का बड़ा हिस्सा कमाने वाले भूमिहीन परिवार हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे परिवार स्वत: शामिल किये गये हैं जिनके रहने के लिए छत नहीं है,निराश्रित, खैरात पर जीवन यापन करने वाले, मैला ढोने वाले परिवार, आदिम जनजाति समूह, कानूनी रूप से मुक्त किए गये बंधुआ मजदूर हैं।

सरकारी और प्राइवेट दोनों अस्पतालों में मिलेगा लाभ-

लाभार्थी पैनल में शामिल सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में लाभ ले सकेंगे। एबी-एनएचपीएम लागू करने वाले राज्यों के सभी सरकारी अस्पलतालों को योजना के लिए पैनल में शामिल समझा जाएगा। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) से जुड़े अस्पपतालों को भी बिस्तर दाखिला अनुपात मानक के आधार पर पैनल में शामिल किया जा सकता है। निजी अस्पेताल परिभाषित मानक के आधार पर ऑनलाइन तरीके से पैनल में शामिल किए जाएंगे।

पैकेज के आधार पर होगा इलाज- लागत को नियंत्रित करने के लिए पैकेज दर के आधार पर इलाज के लिए भुगतान किया जाएगा। पैकेज दर में इलाज से संबंधित सभी लागत शामिल होंगी। लाभार्थियों के लिए यह कैशलेस और पेपरलेस लेनदेन होगा। राज्य विशेष की आवश्यिकताओं को ध्यालन में रखते हुए राज्योंक के पास इन दरों में सीमित रूप से संशोधन का लचीलापन होगा।

हर राज्य में लागू होगी योजना- एबी-एनएचपीएम का एक प्रमुख सिद्धांत सहकारी संघवाद और राज्योंज को लचीलापन देना है। इसमें सह-गठबंधन के माध्यम से राज्यों के साथ साझेदारी का प्रावधान है। इसमें वर्तमान स्वाास्थ्नय बीमा/केन्द्री य मंत्रालयों/विभागों तथा राज्य सरकारों (उनकी अपनी लागत पर) की विभिन्न सुरक्षा योजनाओं के साथ उचित एकीकरण सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों को एबी-एनएचपीएम के विस्ताथर की अनुमति होगी। योजना को लागू करने के तौर तरीकों को चुनने में राज्य स्वातंत्र होंगे। राज्य बीमा कंपनी के माध्यम से या प्रत्यथक्ष रूप से ट्रस्ट/सोसायटी के माध्यम से या मिले जुले रूप में योजना लागू कर सकेंगे।

नीति आयोग करेगा अध्यक्षता- नीति निर्देश देने एवं केन्द्रीय और राज्यों के बीच समन्वय में तेजी लाने के लिए शीर्ष स्तर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में आयुष्माेन भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन परिषद (AB-NHPM) गठित करने का प्रस्ताव है। इसमें एक आयुष्मान भारत राष्ट्रीय, स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन गवर्निंग बोर्ड (एबी-एनएचपीएमजीबी) बनाने का प्रस्ताव है, जिसकी अध्यक्षता संयुक्त रूप से सचिव (स्वास्थ्य और परिवार कल्याण) तथा सदस्य (स्वा्स्थ्य), नीति आयोग द्वारा की जाएगी।

राज्य स्वास्थय एजेंसी लागू करेगी योजना-

योजना को लागू करने के लिए राज्यों को राज्य स्वा‍स्थ्य एजेंसी (एसएचए) की जरूरत होगी। योजना को लागू करने के लिए राज्यों के पास एसएचए रूप में वर्तमान ट्रस्ट/सोसायटी/अलाभकारी कंपनी/राज्य नोडल एजेंसी के उपयोग करने का विकल्प होगा या नया ट्रस्ट/सोसायटी/अलाभकारी कंपनी/राज्य स्वास्थ्य एजेंसी बनाने का विकल्प होगा। जिला स्तर पर भी योजना को लागू करने के लिए ढांचा तैयार करना होगा।

डायरेक्ट व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर होंगे पैसे- यह सुनिश्चित करने के लिए कि धन एसएचए तक समय पर पहुंचे एबी-एनएचपीएमए के माध्यम से केन्द्री सरकार की ओर से राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों को पैसे का ट्रांसफर प्रत्यक्ष रूप से निलंब खाते से किया जा सकता है। दिए गए समय सीमा के अन्दर राज्य को बराबर के हिस्से का अनुदान देना होगा।

पेपरलेश और कैशलेस ट्रांजेक्शन को मिलेगा बढ़ावा-

नीति आयोग के साथ साझेदारी में एक मजबूत, अन्तर संचालन आईटी प्लेटफार्म चालू किया जाएगा, जिसमें कागज रहित, कैशलेस लेनदेन होगा। इससे संभावित दुरूपयोग की पहचान/धोखेबाजी और दुरूपयोग रोकने में मदद मिलेगी। इसमें सुपरिभाषित शिकायत समाधान व्यावस्थार होगी। इसके अतिरिक्त नैतिक खतरों (दुरूपयोग की संभावना) के साथ इलाज पूर्व अधिकार को अनिवार्य बनाया जाएगा।

हर व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने की योजना- यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह योजना वांछित लाभार्थियों तथा अन्य हितधारकों तक पहुंचे, एक व्यासपक मीडिया तथा आउटरिच रणनीति विकसित की जाएगी, जिसमें अन्य बातों के अलावा प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया प्लेटफार्म, पारंपरिक मीडिया, आईईसी सामग्री तथा आउटडोर गतिविधियां शामिल हैं।

योजना के प्रभाव –

पिछले दस वर्षों के दौरान भारत में रोगी को अस्पंताल में दाखिल करने का खर्च लगभग 300 प्रतिशत बढ़ा है। (एनएसएसओ 2015)

80 प्रतिशत से अधिक खर्च जेब (ओओपी) से पूरे किये जाते हैं। ग्रामीण परिवार मुख्य रूप से पारिवारिक आय/बचत (68 प्रतिशत) तथा उधारी (25 प्रतिशत) पर निर्भर करते हैं।

शहरी परिवार अस्पतताल खर्चों के वित्तपोषण के लिये अपनी आय/बचत (75 प्रतिशत) पर और उधारी (18 प्रतिशत) पर निर्भर करते हैं। (एनएसएसओ 2015)

भारत में जेब से 60 प्रतिशत से अधिक खर्च होता है। इसके परिणामस्वरूप बढ़ते स्वास्थ्य खर्चों के कारण 6 मिलियन परिवार गरीबी से घिर जाते हैं।

निम्नलिखित आधार पर एबी-एनएचपीएम का प्रभाव जेब खर्च में कमी करने पर पड़ेगा-

आबादी के लगभग 40 प्रतिशत को बढ़ा हुआ लाभ कवर (निर्धनतम और कमज़ोर)।

सभी द्वितीयक और तृतीयक (नकारात्मक सूची को छोड़कर) अस्पताल कवर किये जाएंगे। प्रत्ये्क परिवार के लिये पाँच लाख का कवरेज (परिवार के आकार पर कोई प्रतिबंध नहीं)।

इससे गुणवत्ता संपन्न स्वास्थ्य और चिकित्सा) सुविधा तक पहुँच बढ़ेगी। वित्तीपय संसाधनों की कमी के कारण आबादी की पूरी नहीं की गई आवश्यकताएँ पूरी होंगी।

इससे समय पर इलाज होगा, स्वा‍स्थ्य परिणामों में सुधार होगा, रोगी को संतुष्टि मिलेगी, उत्पानदकता और सक्षमता में सुधार होगा, रोज़गार सृजन होगा तथा इसके परिणामस्वोरूप जीवन की गुणवत्ता सुधरेगी।

प्रीमियम भुगतान संबंधी पक्ष –

प्रीमियम भुगतान में होने वाले खर्च वित्त मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार निर्दिष्ट अनुपात में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा साझा किये जाएंगे। उन राज्योंग में जहाँ बीमा कंपनियों के माध्यम से एबी-एनएचपीएम लागू किये जाएंगे, वहाँ कुल व्यय वास्तंविक बाजार निर्धारित प्रीमियम भुगतान पर निर्भर करेगा।

जिन राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों में ट्रस्ट/सोसायटी के माध्यम से योजना लागू की जाएगी उन राज्योंज में वास्ताविक खर्च या प्रीमियम सीमा (जो भी कम हो) पूर्व निर्धारित अनुपात में केंद्रीय धन उपलब्ध कराया जाएगा।

Ayushman Bharat Yojana 2020 का लाभ किसे प्राप्त होगा –

योजना का शुभारंभ करते हुए वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने बताया कि Ayushman Bharat Yojana 2018 का संचालन देश की गरीब परिवारों के लिए किया जा रहा है | इस योजना का लाभ देश के आर्थिक रूप से गरीब एवं पिछड़े परिवारों को प्रदान किया जाएगा | ताकि देश के ऐसे गरीब परिवारों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का को दूर किया जा सके | इसलिए Ayushman Bharat Yojana 2018 का लाभ सीधे तौर पर देश के गरीब , निम्न स्तर एंव BPL कार्ड धार को को लाभ प्रदान किया जाएगा |

Ayushman Bharat Yojana 2018 के लाभ –

Ayushman Bharat Yojana 2018 एक बहुत बड़ी योजना है | इस योजना का लाभ सीधे तौर पर देश की गरीब जनता को प्रदान किया जाएगा | Ayushman Bharat Yojana 2018 के प्रमुख लाभ कुछ इस प्रकार हैं –

गरीबों को लाभ –

आयुष्मान भारत योजना का गठन देश की गरीबों के लिए ही किया गया है | इस योजना के फलस्वरुप ऐसे गरीब परिवारों को लाभ प्रदान किया जाएगा | जो बड़ी बीमारियों का इलाज नहीं करा पाते थे | जिससे बहुत से गरीब व्यक्तियों की मृत्यु हो जाती थी | इसके अतिरिक्त जो गरीब इलाज भी करवाते थे | उनकी जमापूंजी पूरी तरह से नष्ट हो जाती थी | जिसके बाद उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता था | लेकिन अब Ayushman Bharat Yojana 2018 के फलस्वरुप ऐसे गरीब परिवारों को काफी हद तक ऐसी समस्याओं से निजात मिल जाएगी |

बड़ी बीमारियों का आसानी से इलाज –

Ayushman Bharat Yojana 2018 के संचालन से जानलेवा बड़ी बीमारी जैसे – कैंसर , TV आदि का इलाज आसानी से कराया जा सकेगा | क्योंकि अभी तक ऐसी बीमारियों का इलाज गांव में उपलब्ध नहीं है | लेकिन अब इस योजना के संचालन से ये सुविधाएँ गाँवो में भी मिल पाएंगी |

रोग मुक्त बनेगा भारत –

आयुष्मान भारत योजना से काफी हद तक भारत को रोग मुक्त बनाने में सहायता प्रदान करेगी | क्योंकि अब Ayushman Bharat Yojana 2018 से गरीब परिवार भी इलाज करवाने में सक्षम हो सकेंगे |

TV मरीजों को मिलेगा फण्ड –

Ayushman Bharat Yojana 2018 के अंतर्गत TV मरीजों को फंड भी प्रदान किया जाएगा | भारत में प्रतिवर्ष 14% मरीजों की मृत्यु TV से हो जाती है | यह आंकड़ा काफी चौकाने वाला है | भारत में प्रतिवर्ष करीबन 3000000 लोग मरीज अस्पतालों में अपना पंजीकरण कराते हैं | Ayushman Bharat Yojana 2018 के अंतर्गत अब TV मरीजों को ₹6000 वार्षिक ( ₹500 मासिक ) की दर से सहायता धनराशि प्रदान की जाएगी |

लाभार्थियों की संख्या- एबी-एनएचपीएम 10.7 करोड़ गरीब, वंचित ग्रामीण परिवारों तथा ग्रामीण और शहरी दोनों को कवर करने वाले सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) के नवीनतम डाटा के आधार के अनुसार शहरी श्रमिकों की चिन्हित व्यवसायिक श्रेणी को लक्षित करेगा।

यह योजना गतिशील और आकांक्षी रूप में बनाई गई है और योजना एसईसीसी डाटा में भविष्य में होने वाले अलगाव/समावेशन और वंचन को ध्यान में रखेगी।

Ayushman Bharat Yojana 2018 के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर-

0805-928-2008,0808-328-0131,

0803-979-6126,0806-574-4100,

0805-901-5854

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